• पटना में छात्रों-युवाओं, अधिवक्ताओं व नागरिकों से जनसंपर्क किया
• बीपीएससी छात्रों से वार्ता कर उनके सवालों को हल करे सरकार
पटना|बिहार दौरे पर गई रोजगार अधिकार अभियान संचालन समिति के सदस्यों ने पटना में छात्रों-युवाओं, अधिवक्ताओं व नागरिकों से जनसंपर्क व संवाद किया। रोजगार अधिकार अभियान की ओर से बीपीएससी छात्रों की मांगों के समर्थन में जारी की गई अपील का कल और आज गांधी मैदान, गर्दनी बाग , हाईकोर्ट व सिविल कोर्ट में छात्रों,अधिवक्ताओं एवं नागरिकों में वितरण किया गया। बिहार सरकार से मांग की गई है कि छात्रों से तत्काल वार्ता कर उनके सवालों को हल किया जाए। लाठीचार्ज जैसी कार्रवाई निहायत गलत है, दमन की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। बापू परीक्षा केंद्र के अलावा अन्य परीक्षा केंद्रों में नकल व धांधली की प्रशासन की रिपोर्ट न होने का हवाला देकर पूरी परीक्षा के पुनर्परीक्षा कराने से इंकार किया जा रहा है। जबकि नार्मालाईजेशन विवाद की मुख्य वजह है और बापू परीक्षा केंद्र के अभ्यर्थियों की पुनर्परीक्षा के बाद नार्मालाईजेशन करना अनिवार्य होगा। ऐसे में पूरी परीक्षा के पुनर्परीक्षा के विरुद्ध बीपीएससी व सरकार का पक्ष तर्कसंगत नहीं है। गौरतलब है कि विज्ञापन में भी नार्मालाईजेशन अथवा स्केलिंग का जिक्र नहीं है।
वहीं दूसरी ओर रोजगार अधिकार अभियान संचालन समिति ने पटना में जारी वक्तव्य में बताया कि देश भर के छात्र युवा आंदोलनों के अनुभव व करीब 10 लाख लोगों से संवाद के बाद 10 नवंबर 2024 को दिल्ली में सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें डीवाईएफआई के राष्ट्रीय पदाधिकारी समेत देश के विभिन्न हिस्सों से युवा प्रतिनिधि शामिल रहे। सम्मेलन में अर्थशास्त्र, कानून क्षेत्र व पत्रकारिता क्षेत्र के विशेषज्ञों एवं सरोकारी लोगों की मौजूदगी रही। गहन विचार-विमर्श के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि चार सवालों सुपर रिच की संपत्ति पर समुचित टैक्स लगाने, शिक्षा-स्वास्थ्य व रोजगार की गारंटी करने, सरकारी विभागों में खाली पदों पर तत्काल भर्ती और हर व्यक्ति के सम्मानजनक जीवन की गारंटी को लेकर रोजगार अधिकार अभियान संवाद चलाया जाए। दरअसल संसाधन न होने का तर्क देकर रोजगार न देना सरकार की चालाकी पूर्ण कार्रवाई है। जबकि अर्थशास्त्रियों का स्पष्ट मत है कि अगर सुपर रिच की संपत्ति पर 2 फीसद संपत्ति कर व विरासत कर लगाया जाए और काली अर्थव्यवस्था को नियंत्रित किया जाए तो न सिर्फ शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार की गारंटी की जा सकती है बल्कि आंगनबाड़ी, आशा समेत मानदेय व संविदा कर्मियों को सम्मानजनक वेतनमान, पुरानी पेंशन बहाली, किसानों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी, ओल्ड इज़ पेंशन व नागरिकों की सामाजिक सुरक्षा जैसे सवालों को भी हल किया जा सकता है। रोजगार अधिकार अभियान के संचालन के लिए छात्र युवा प्रतिनिधियों समेत अन्य वर्गों से जो बेरोज़गारी की समस्या से जूझ रहे हैं, के प्रतिनिधियों को लेकर संचालन समिति के गठन का निर्णय लिया गया और अभी 19 सदस्यीय संचालन समिति बनाई गई है। इस अभियान के परामर्श व मदद के लिए सलाहकार समिति का गठन किया गया है। जिसकी दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण के आवास पर 7 दिसंबर 2024 को मीटिंग हुई है। जिसमें तय किया गया कि अर्थव्यवस्था, कानून, पर्यावरण, पत्रकारिता से लेकर विभिन्न क्षेत्रों के महत्वपूर्ण लोगों को लेकर इस टीम का विस्तार 35 लोगों तक किया जाए। इनके नामों पर विचार किया गया है और अगली मीटिंग में इन्हें आमंत्रित किया जाएगा। फिलहाल अभी इस समिति में प्रख्यात अर्थशास्त्री प्रोफेसर प्रभात पटनायक व प्रोफेसर अरूण कुमार, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, एआईपीएफ के संस्थापक सदस्य अखिलेंद्र प्रताप सिंह, वरिष्ठ पत्रकार सत्येन्द्र रंजन, अर्थशास्त्री जया मेहता शामिल हैं।