150 किमी से भी कम दूरी होगी इस नए रेल मार्ग का*

विण्ढमगंज से अम्बिकापुर के बीच 12 रेलवे स्टेशन बनाने का प्रस्ताव

पप्पू यादव

विण्ढमगंज/ सोनभद्र ।छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर से यूपी के विण्ढमगंज तक नई रेल लाइन बिछाने का सर्वे पूरा कर लिया गया है जयपुर के निजी एजेंसी द्वारा कराए गए सर्वे रिपोर्ट में विण्ढमगंज से अंबिकापुर की दूरी 150 किलोमीटर से कम बताई गई है इसके अलावा 12 रेलवे स्टेशन इस नई रेल खंड मार्ग पर बनाने का प्रस्ताव है 3 से 4 सुरंग मार्गभी इस मार्ग पर बनेंगे ,सर्वे एजेंसी के द्वारा पिछले कुछ महीने से इस नए प्रस्तावित रेल मार्ग पर सर्वे का काम चल रहा था। सर्वे के द्वारा लगाए गए चिन्ह वाले स्थान पर पर अब पिलर गाड़ने का काम अभी चल रहा है रेल मंत्रालय के निर्देश पर झारखंड से बरवाडीह रेलवे स्टेशन से अंबिकापुर तक जो सर्वे हुआ है सर्वे के अनुसार बरवाडीह से अंबिकापुर की दूरी 199.98 किमी है लागत 875 8.37 करोड़ है रेणुकूट से अंबिकापुर की दूरी सर्वे रिपोर्ट में 152.30 किमी और लागत 82 27.92 करोड़ है सूत्रों के अनुसार विण्ढमगंज से अंबिकापुर की दूरी और लागत दोनों ही मामले में बरवाडीह और रेणुकूट से कम बताई गई है रेल मंत्रालय इन तीनों रेलवे स्टेशनों के सर्वे रिपोर्ट पर हर एंगल से अध्ययन कर जल्दी निर्णय लेगा|

अंबिकापुर के लोग यूपी के स्टेशनों से जोड़ना चाहते है

विण्ढमगंज| पूर्व मध्य रेलवे धनबाद मंडल के बरवाडीह चोपन रेल मार्ग से दक्षिण मध्य रेलवे बिलासपुर के अंबिकापुर छत्तीसगढ़ रेलवे स्टेशन को जोड़ने की मांग कई दशकों से अंबिकापुर के लोग करते आ रहे हैं अंबिकापुर के लोग अंबिकापुर को रेणुकूट और विण्ढमगंज दोनों में से किसी एक से जोड़ने की वकालत हमेशा करते आए हुए हैं यही कारण है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जब 17 जुलाई2024 को रेल मंत्री से मिलकर अंबिकापुर को बरवाडीह से जोड़ने की की मांग की तो इसका विरोध खुद भाजपा के सांसद ही करने लगे छत्तीसगढ़ के 9 सांसदों ने भी अंबिकापुर को झारखंड के बरवाडीह से ना जोड़कर यूपी के स्टेशनों से जोड़ने की मांग की है और जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली जाकर रेल मंत्री से मुलाकात कर इस पर स्वीकृति देने की मांग करेंगे

सर्वे रिपोर्ट में सबसे कम दूरी विण्ढमगंज से है अंबिकापुर का

रेल मंत्रालय द्वारा अंबिकापुर को धनबाद मंडल के बरवाडीह चोपन रेलखंड को जोड़ने के लिए बरवाडीह, विण्ढमगंज, रेणुकूट से जोड़ने के लिए जो सर्व कराई गई है उसमें सबसे कम दूरी विण्ढमगंज रेलवे स्टेशन का है अंबिकापुर से बरवाडीह के बीच 199.98 किमी ,अंबिकापुर से रेणुकूट 152.30 किमी, जब की विण्ढमगंज से अंबिकापुर 150 किमी से कम दूरी सर्वे सर्वे में रिपोर्ट में बताई गई है पहले विंधमगंज से अंबिकापुर की दूरी 181 किलोमीटर थी, इसके बाद एलाइनमेंट सीधा कर दूरी काम करते हुए नया डीपीआर बनाने को कहा गया था, संशोधित नए सर्वे में यह दूरी घटकर 150 किलोमीटर से कम हो गया है

कोयला परिवहन के लिए भी महत्वपूर्ण है प्रस्तावित रेल मार्ग

छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश के सोनभद्र के बीच प्रस्तावित रेल सेवा से र्खनिज पदार्थों के परिवहन में भी सहूलियत होगी।
चार राज्यों की सीमा से सटे सोनभद्र से मप्र और झारखंड के लिए रेल सेवा संचालित है। इस रूट से कई यात्री ट्रेनों का संचालन होता है। कोयला सहित अन्य खनिज पदार्थों की ढुलाई भी इस रेल मार्ग से होती है। छत्तीसगढ़ से आवागमन के लिए सिर्फ सड़क मार्ग ही उपलब्ध है। रोजाना सैकड़ों ट्रकों और यात्री वाहनों का सोनभद्र में आवागमन होता है। अब इस रूट पर रेल सेवा शुरू करने की पहल हुई है। कोयला परिवहन को लेकर भी यह प्रस्तावित मार्ग अन्य वैकल्पिक मार्गो की तुलना में लघुतर, कम लागत वाला और अपेक्षाकृत अधिक उपयोगी है।अंबिकापुर -रेणुकूट प्रस्तावित रेल मार्ग के समीप जगन्नाथपुर ओसीपी 3.5 मिलियन टन प्रतिवर्ष की कोल खदान संचालित है, जिसमें आगामी 20 वर्ष तक उत्पादन हो सकता है।मदन नगर में 15 मिलियन टन प्रतिवर्ष उत्पादन देने वाली माइंस चालू होने वाली है जो आगामी 25 साल चलने वाला प्रोजेक्ट रहेगा। इसके अतिरिक्त भवानी प्रोजेक्ट कल्याणपुर,बरतीकलां वाड्राफनगर, बगड़ा,कोटेया जैसे कई कोल प्रोजेक्ट इस रेल मार्ग के नजदीक है।सरगुजा अंचल कोयला उत्पादन के लिए जाना जाता है साथ ही पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश का सिंगरौली क्षेत्र भी कोयला उत्पादक क्षेत्र है। आपस में जुड़ जाने पर यह कोयला परिवहन के लिए स्वर्णिम अवसर उपलब्ध कराएगा जो आर्थिक दृष्टि से अत्यधिक लाभप्रद एवं व्यवहारिक है

“छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर को वृहत्तर रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए यु पी के रेणुकूट,विण्ढमगंज और झारखंड के बरवाडीह से प्रस्तावित है तीनों प्रस्तावित रेल लाइन में से दो रेणुकूट और बरवाडीह का डीपीआर और फाइनल लोकेशन सर्वे रेलवे बोर्ड को भेज दिया गया है विण्ढमगंज से अम्बिकापुर रेल लाइन का सर्वे कर पूर्व मध्य रेलवे को भेज दिया गया है जल्द ही तीनों रेल लाइनों के सर्वे रिपोर्ट पर अंतिम निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण बैठक जल्द ही शक्ति भवन दिल्ली में होने की संभावना है”

*मुकेश तिवारी*
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के क्षेत्रीय रेल परामर्श समिति सदस्य