(पीडीआर ग्रुप)
लखनऊ|एसएफआई और डीवाईएफआई के संयुक्त संयोजन पर प्रख्यात मार्क्सवादी अर्थशास्त्री प्रोफेसर प्रभात पटनायक के लेख “बेरोज़गारी के संकट को हल करने का रास्ता क्या है?” पर चर्चा परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें लखनऊ शहर के तमाम जनवादी छात्र, युवा, छात्र और युवा संगठन और नागरिक समाज के बुद्धिजीवी एवं कार्यकर्ता शामिल रहे। एसएफआई से साथी अभिषेक ने लेख पढ़ा और चर्चा शुरू हुई। संचालन डीवाईएफआई के दीप डे ने किया।
चर्चा में वक्ताओं ने आज देश में भयावह बेरोज़गारी और बढ़ रही आर्थिक और सामाजिक असमानताओं पर प्रकाश डाला और एक बड़े और व्यापक आंदोलन की ज़रूरत ज़ाहिर की। चर्चा के माध्यम से कुछ मांगे सामने आई जिसको चर्चा परिचर्चा के माध्यम से सभी उपस्थित वक्ताओं, युवाओं और छात्रों से सहमति मिली। इनमें से मुख्य मांगे कॉरपोरेट और उच्च अमीरों की संपत्ति पर समुचित कर लगाया जाए, सभी नागरिकों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार की गारंटी की जाए, सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरा जाए और हर व्यक्ति के सम्मानजनक ज़िंदगी की संवैधानिक मूल्यों के आधार पर गारंटी दी जाए।
आज की चर्चा में प्रमुख वक्ताओं में जेएनयू छात्र संघ की भूतपूर्व कार्यकारी अध्यक्ष श्रीमती वंदना मिश्रा, डीवाईएफआई के राज्य सचिव गुलाब चंद, वर्कर्स फ्रंट के उत्तर प्रदेश राज्य अध्यक्ष दिनकर कपूर, युवा मंच संयोजक राजेश सचान, लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र नेता रहे इमरान राज़ा, एसएफआई उत्तर प्रदेश के राज्य समिति सदस्य अभिषेक, एसएफआई से अब्दुल वहाब, युवा मंच से शांतम, नौजवान सभा से शहाबुद्दीन, नागरिक समाज से ज्योति राय, अमित राय, राबिन वर्मा, विरेन्द्र त्रिपाठी, नईम, आकृति, रविन्द्र यादव व अन्य लोग उपस्थित रहे।