(पीडीआर ग्रुप)

दुद्धी|अमवार चौकी व बघाडू वन रेंज के अंतर्गत अमवार में कनहर सिंचाई परियोजना व हर घर जल योजना परियोजना से निकले बोल्डर की चोरी कर बिक्री अमवार के चर्चित खननकर्ता द्वारा की जा रही है |खननकर्ता परियोजना क्षेत्र में जहां तहां पड़े बोल्डर को मजदूरों द्वारा गाड़ी में लोड कर सिंचाई विभाग के ठीकेदारों को रिटर्निंग वाल के निर्माण में धड़ल्ले से आपूर्ति दे रहे हैं , वहीं ठीकेदार सस्ते दामों में बोल्डर की आपूर्ति ले विभागीय संरक्षण में उसकी धड़ल्ले से उसका प्रयोग कर रहे है|सूत्रों के मुताबिक एक बिचौलिया ने ठीकेदारों को बोल्डर बालू आपूर्ति का जिम्मा लिया है जो ठीकेदारों से मोटी रकम ले खनकर्ताओं को वहीं आस पास परियोजना क्षेत्र में पड़े बालू बोल्डर को उठवाकर साइट पर गिरवा रहा है | ये खेल पिछले एक -दो माह से चल रहा है और इसमें जिम्मेदारों की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है|

पर्यावरण प्रेमियों ने नवागत डीएम से मामले की जांच की मांग उठाई है |इस मामले में करदायी संस्था के एकाउंटेंट सत्यनारायण राजू ने कहा कि मंदिर के समीप बोल्डर को सिंचाई विभाग ने भंडारित कराया था ,क्या प्रायोजन था उन्हें नहीं पता|

अमवार में हर घर जल नल योजना के इंटेक वेल के खुदाई में निकले कई सौ ट्राली बोल्डर हो गए गायब

दुद्धी |पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि अमवार में हर घर जल योजना के तहत बने परियोजना के इन टेक वेल की खुदाई व ब्लास्टिंग में निकले कई सौ ट्राली बोल्डरों को खननकर्ताओं द्वारा चोरी कर बेच दी गयी, इस दौरान बड़ी बड़ी चट्टानों को भी बोल्डर बना कर विभिन्न साइटों पर आपूर्ति दे दी गयी ,जबकि खुदाई में निकले बोल्डर की खनन विभाग द्वारा नीलामी की जानी चाहिए थी| विभागीय लेकिन अनदेखी के कारण यहां से निकले बोल्डर बेचने में खननकर्ताओं की चांदी कट रही है | इसके अलावा कनहर सिंचाई परियोजना निर्माण में लगी करदायी संस्था द्वारा पंचमुखी हनुमान मंदिर के पास किसी कार्य उद्देश्य से रखे गए सैकड़ो ट्राली बोल्डर भी कुछ दिनों में गायब कर दिए गए, करदायी संस्था इस कारण अमुक दर्शक बना हुआ है क्योंकि उसके ऑफिस में कार्यरत एक संविदा कर्मी रिटर्निंग वाल निर्माण में एक ठीकेदार के नीचे पेटी कांट्रेक्टर बना हुआ है|

बायीं मिट्टी बांध के जीरो पॉइंट के उस पार इंटेक वेल का निर्माण

दुद्धी| अमवार में कनहर सिंचाई परियोजना के बायीं मिट्टी बांध के जीरो पॉइंट पर उस पार हर घर नल योजना के तहत इंटेक वेल का निर्माण कराया गया जिसके निर्माण में खुदाई व ब्लास्टिंग से कई सौ ट्राली बोल्डर निकाले गए थे ,अब वहां पर नाम मात्र के बोल्डर बचे हुए हैं|

जब होती है उच्च अधिकारियों द्वारा जिम्मेदारों से पूछताछ तो विस्थापित का नाम ले करते है गुमराह

दुद्धी| अमवार क्षेत्र में जब जब अवैध खनन व परिवहन कि खबरे मीडिया की सुर्खियां बनने लगती है तो उच्च अधिकारियों के पूछने पर यहां के जिम्मेदार झट कनहर विस्थापितों का सहारा लेकर उन्हें गुमराह करने लगते है ,कहते है कि विस्थापित अपने आवास के लिए बालू व बोल्डर प्रयोग में ले जा रहे थे ,जबकि इसके उलट इसकी आपूर्ति ठीकेदारों की साइटों पर बड़े पैमाने पर की जाती रही है | वहीं इस कार्य मे जुड़े सफेदपोश भी विस्थापितों की आड़ में अवैध कार्यों का संरक्षण दे रखे है जिससे सरकार को भारी पैमाने पर राजस्व की क्षति हो रही है वहीं सरकार की संपत्ति बेचवा कर स्थानीय जिम्मेदार मालामाल हो रहे है |

बता दे कि कनहर डैम में जब पानी सूख गया था तो खननकर्ता यहां अवैध बालू खनन कर टीपर में बालू लोडिंग कर रहे थे ,जब खबरों के प्रकाशन के बाद कलई खुली तो सफाई पेश कर करने लगे थे कि उन्हें ऐसा नही पता था|जबकि विस्थापितों को एक भी ट्राली बालू व बोल्डर लेने पर खननकर्ताओं को मुहमांगी रक़म चुकानी पड़ती है|