लोचन अभिरामा तनु घनस्यामा निज आयुध भुजचारी.
भूषन बनमाला नयन बिसाला सोभासिंधु खरारी.
(पीडीआर ग्रुप)
दुद्धी/ सोनभद्र| क़स्बे से सटे मल्देवा गांव में चल रहे सात दिवसीय श्रीराम कथा के चौथे दिन प्रभु श्रीराम के जन्म की कथा कथावाचक श्रीकृष्ण दिलीप भारद्वाज जी महाराज के द्वारा सुनाई गई|कथा मे श्री राम प्रभु के जनमोत्सव पर वृंदावन से आये हुए कलाकरों के द्वारा मनमोहन झांकी के माध्यम से बधाइयां गाई गई इससे पूर्व श्री राम जन्म की कथा सुनाते हुए कथावाचक ने कहा दीनों पर दया करने वाले, कौशल्याजी के हितकारी कृपालु प्रभु प्रकट हुए| यानि भगवान राम ने जन्म लिया है, मुनियों के मन को हरने वाले उनके अद्भुत रूप का विचार करके माता हर्ष से भर गई|नेत्रों को आनंद देने वाला मेघ के समान श्याम शरीर था, चारों भुजाओं में अपने शस्त्र थे, आभूषण और वनमाला पहने थे, भगवान राम के बड़े-बड़े नेत्र थे| इस प्रकार शोभा के समुद्र और खर राक्षस को मारने वाले भगवान प्रकट हुए,दीनों पर दया करने वाले, कौशल्याजी के हितकारी कृपालु प्रभु प्रकट हुए|इस उपरांत आरती कर के चौथे दिन के कथा का समापन किया गया|कथा में मुख्यरूप से मनोज मिश्रा,राजन चौधरी,डॉ हर्षवर्धन,मनीष जायसवाल,निरंजन जायसवाल,राकेश आजाद,रविन्द्र जायसवाल,प्रभाकर प्रजापति, आलोक जायसवाल,सोनू,रंजीत, शैलेश कुमार सहित आयोजक मण्डल के कार्यकर्ता व काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे|