(पीडीआर ग्रुप)
दुद्धी / सोनभद्र| नाबार्ड ने राज्य सरकार को सुझाव दिया है कि बांध से पानी पाइप से ले जाए ताकि पानी पूरी तरह से अंतिम झोर तक पहुँचे व प्रोजेक्ट की लागत भी कम हो|
महाप्रबन्धक नाबार्ड शंकर पांडेय ने पत्रकार वार्ता में बताया कि कनहर ओपन कनाल है 26 हजार हेक्टेयर भूमि सींचने की परियोजना है , इसमें बहुत ज्यादा भूमि संपादन करनी होती है और प्रोजेक्ट में खर्च बढ़ जाती है,पाइप से प्रोजेक्ट कॉस्ट कम होगा ,ऊपर कृषक कृषि करेंगे नीचे से पाइप रहेगा| पाइप इरिगेशन सही है,क्योंकि कैनाल से ज्यादा पानी खेतो में जाने से आगामी 10 वर्षों में किसानों की जमीन खराब होने लगती है |पाइप से स्प्रिंकलर ड्रिप द्वारा सिंचाई उन्नत खेती में सहयोग प्रदान करती है ,इस कार्य के लिए भी रूपरेखा तैयार कर ली गयी संभवतः भविष्य में माइनर नहरों के स्थान पर पाइप से किसानों के खेतों में पानी पहुँचाये जाने की योजना है इसके लिए माइक्रो इरिगेशन के लिए नाबार्ड के पास अलग फंड है| बताया कि उत्तर प्रदेश की नाबार्ड पोषित चार परियोजनाओं से साढ़े 6 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचाई होनी है| नाबार्ड ने कुछ राज्य महाराष्ट्र मध्य प्रदेश व गुजरात में यह सुझाव दिया था कि कनाल की जगह पाइप से सप्लाई हो,जिस पर काम हो रहा है|